Vedic Astrology – By Krishan Kant Bhardwaj

वैदिक ज्योतिष पर आधारित शोध पूर्ण लेख


माता -पिता की सेवा पुण्यतम् कर्म

संसार में समस्त धर्मों मेंपुण्यतम् कर्म क्या है ?किस अनुष्ठान के करने से मानव अक्षय पद प्राप्त कर सकता है ?किस कर्म के करने पर मृत्यु लोक के निवासी यश एवम मोक्ष के अधिकारी हो सकते हैं ?
इन सभी प्रश्नों का उत्तर पदम् पुराण के श्रृष्टि खंड में महा मुनि व्यास ने सुंदर प्रकार से दिया है |
पञ्च महायज्ञ
महा मुनि व्यास के अनुसार माता -पिता की सेवा ,सब के प्रति समता का भाव ,पतिव्रत धर्म ,भगवद भजन तथा मित्र से द्रोह न करना – ये पाँच महा यज्ञ हैं |इनमे से किसी एक का भी जो व्यक्ति अनुष्ठान करता है वह यश ,वैभव तथा मोक्ष का अधिकारी होता है |
पित्रोरचार्थ पत्युस्च साम्यं सर्व जनेषु च |
मित्रा द्रोहो विष्णु भक्ति रेते पञ्च महामखा : ||
पदम् पुराण
माता -पिता की सेवा
पाँच महायज्ञों में भी माता -पिता की सेवा को महामुनि व्यास ने सबसे अधिक महत्व प्रदान किया है |पिता धर्म है ,पिता स्वर्ग है तथा पिता ही तप है |पिता के प्रसन्न हो जाने पर सभी देवता प्रसन्न हो जाते हैं |माता में सभी तीर्थ विद्यमान होते हैं |जो मानव अपनी सेवा से अपने माता -पिता को प्रसन्न एवम संतुष्ट करता है उसे गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है |जो माता -पिता की प्रदक्षिणा करता है उसके द्वारा समस्त पृथ्वी कीप्रदक्षिणा हो जाती है |जो नित्य माता -पिता को प्रणाम करता है उसे अक्षय सुख प्राप्त होता है |जब तक माता -पिता की चरण रज पुत्र के मस्तक पर लगी रहती है तब तक वह शुद्ध एवम पवित्र रहता है |
जो मनुष्य अपने माता -पिता की अवज्ञा करता है वह महा प्रलय तक नरक में निवास करता है |
रोगिणं चापि वृधंच पितरम वृत्ति कर्शितं |
विकलं नेत्र कर्णाभ्याम त्यक्त्वा ग्च्झेच्च रौरवं ||
पदम् पुराण
जो मानव रोगी , जीविकाहीन एवम अपाहिज माता पिता को त्याग देता है उसे रौरव नरक प्राप्त होता है |माता -पिता का अनादर करने पर उसके समस्त पुण्य क्षीण हो जाते हैं



“माता -पिता की सेवा पुण्यतम् कर्म” के लिए प्रतिक्रिया 3

  1. Satya kaha pandit Ji, Is kalyug me agar kisi ne Mata, Pita ki seva karli to wo ishar ki seva ke hi saman hey. Agar hum apne is jeevan me apne mata pita ko prasan rakh paye to ishwar savyam hi prasan hokar apna aashirwad sadev banaye rakhenge …

    Jay Shri Krishana…

  2. namaste pandit ji,
    bahot achha blog pandit ji.
    aapka bahot dhanyawad.
    vijay patil.

टिप्पणी करे